7 अगस्त को रिलीज हुई फिल्म स्त्री को दर्शकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. कमाई के आंकड़े बढ़ ही रहे हैं, साथ ही एक्टिंग की भी जमकर तारीफ की जा रही है. लेकिन इन सबके बीच अब एक बात धीरे-धीरे साफ होती जा रही है कि राजकुमार राव का मतलब है फिल्म देखने में कोई रिस्क नहीं. ये फिल्म साबित कर रही है कि राजकुमार राव नए जमाने के सुपरस्टार साबित होंगे.
फिल्मी सफर पर नजर राव की एक्टिंग का सबूत
राजकुमार राव के फिल्मी सफर पर नजर डाले तो चाहे उनका शुरुआती किरदार एलएसडी का आदर्श हो, रागिनी एमएमएस का डरा हुआ लड़का उदय हो, गैंग ऑफ वासेपुर का लोकल बदमाश शमशाद आलम या बरेली की बर्फी का बउआ हो, हर फिल्म में अलग-अलग रूप. हर रूप में राजकुमार राव ने अपनी उम्दा एक्टिंग से लोगों का दिल जीता है. एक ग्रामीण लड़के से लेकर एक हाईप्रोफाइल शहरी यूथ का किरदार. चाहे एक बदमाश से लेकर शरीफ बच्चे का किरदार करा लो, यही चीज है जो राव की रेंज दिखाता है.
ये कुछ और खासियत उन्हें दूसरों से अलग बनाते हैं
- राजकुमार राव नए ज़माने के एक्टर हैं जितनी एक्टिंग करनी है बस उतनी करते हैं ना ज्यादा ना कम.
- राजकुमार राव ने ट्रेंड पकड़ लिया है, नए जमाने के बच्चों को सधी एक्टिंग पसंद है, ओवरएक्टिंग नहीं. बेकार में चीखने चिल्लाने की स्टाइल धीरे धीरे पुरानी पड़ती जाएगी. जो पकड़ लेगा वो आगे बढ़ेगा जो नहीं पकड़ेगा वो पुराने ज़माने को याद करता रहेगा.
- आमिर खान की तरह राजकुमार राव ऐसे एक्टर बनते जा रहे हैं जिनकी फ़िल्में बकवास नही हो सकती.
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