सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून में संशोधन को लेकर सवर्ण संगठनों द्वारा गुरुवार को भारत बंद बुलाया गया था. कुछ घटनाओं को छोड़कर बंद लगभग पूरे देश में शांतिपूर्ण रहा. अभी तक देश के किसी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं मिली है.
बंद के मद्देनजर मध्यप्रदेश सरकार ने अधिकांश जिलों में धारा 144 लागू कर दी थी और पूरे प्रदेश में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे. भिण्ड, शिवपुरी एवं ग्वालियर सहित कुछ अन्य जिलों में स्थानीय प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों की छुट्टी रखी. मध्यप्रदेश के सभी पेट्रोल पम्प मालिकों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखे.
बंद के कारण प्रमुख मंडियों और बाजारों में आधे दिन तक कारोबार ठप्प रहा. इस दौरान शहर में किराना जिंसों, अनाजों, दाल-दलहनों, जेवरात, बर्तनों, लोहा उत्पादों, कपड़ों आदि के प्रमुख कारोबारी केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा. इससे करोड़ों रुपये के नुकसान होने का अनुमान है.
पूर्व मंत्री श्याम रजक पर हमला
बिहार में भारत बंद का काफी हद तक व्यापक असर देखने को मिला. बंद के दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक श्याम रजक पर भी हमला किया गया. बिहार के पूर्व मंत्री का आरोप है कि बेगूसराय में एक कार्यक्रम से लौटने के दौरान उनके काफिले पर भारत बंद समर्थकों ने हमला किया. इस हमले में श्याम रजक की गाड़ी को बंद समर्थकों ने क्षतिग्रस्त कर दिया. गाली-गलौज करने के साथ-साथ उन पर ईंट-पत्थर से भी प्रहार किया गया. इस दौरान गाड़ी का शीशा टूटने से पूर्व मंत्री को चोट लगी और उनका सिक्योरिटी गार्ड भी घायल हो गया.
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नोएडा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन
भारत बंद के तहत नोएडा में कई संगठनों ने एक साथ मिलकर एससी/एसटी एक्ट का विरोध किया. सैकड़ों लोगों ने इस एक्ट में संशोधन किए जाने की मांग को लेकर विरोध मार्च निकाला. सुबह करीब 10 बजे दो दर्जन संगठनों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के लोग नोएडा स्टेडियम में एकत्रित हुए. स्टेडियम के गेट नंबर-4 से सभी ने एक साथ पैदल विरोध मार्च निकाला जो विभिन्न सेक्टरों में होते हुए सेक्टर-27 स्थित जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय पहुंचा. वहां पर प्रदर्शन करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट शैलेश मिश्रा को सौंपा.
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योगी ने कहा भारत बंद का कोई मतलब नहीं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा में एससी/एसटी कानून के विरोध में बंद पर कहा कि भारत बंद का कोई मतलब नहीं है, लोगों की अपनी भावनाएं हैं, लोकतन्त्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस देश के प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा, खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हमने जाति एवं धर्म के आधार पर कभी राजनीति नहीं की. समाज के दबे कुचले लोगों को संरक्षण देने के लिए यह कानून बनाया है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इसका किसी भी तरह से दुरुपयोग न हो.
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उत्तराखण्ड पर मिला-जुला असर
'भारत बंद' का उत्तराखंड में मिला-जुला असर देखने को मिला. बंद के आह्वान पर राजधानी देहरादून में कोई खास असर दिखाई नहीं दिया और स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पंप, बाजार आदि अन्य दिनों की तरह खुले रहे. हालांकि, शहर के कुछ स्थानों पर दूध तथा अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति सामान्य दिनों की तरह नहीं हुई. अल्मोड़ा, पौड़ी जैसे प्रदेश के कुछ स्थानों पर बंद का प्रभाव दिखायी दिया और बाजार आदि बंद रहे.
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